Tuesday, April 11, 2017

Two Line Shayari by Jot Chahal

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❤...ना ही मैं कबीर हूँ,ना ही में रहीम हूँ,*_


दीवाना हुँ शायरी का, बस ज़ख्मो से मैं अमीर हूँ...❤

 

❤...मुहब्बत करने से फुर्सत नहीं मिली यारों,**वरना हम

करके बताते नफरत किसे कहते हैं...❤


❤...जनाब मुजे मत सिखाओ मोहब्बत कि बाते,

जिन किताबो से तुमने मोहब्बत सिखी हे, वो किताबे हमने लिखी हे...❤


❤...सुना है तुम्हारी एक निगाह से कत्ल होते हैं लोग..

एक नज़र हमको भी देख लो.. ज़िन्दगी अच्छी नहीं लगती...❤


❤...मौत भी मुझे गले लगाकर वापिस चली गई बोली...

तुम अभी नही मरोगे प्यार किया है ना अभी और तडपोगे...❤


❤...थम सी जा तू भी ए जिंदगी अब।

वो ही जा चूका जिसके लिए तू चलती थी।...❤


❤...एहसास तो उसको भी बहुत है मेरी मुहब्बत का,

वो तड़पती इसलिए है की मैं और  टूट के चाहूं उसे...❤


❤...टूटना ही लिखा हो मोतियों की किस्मत में।

तो धागा कितना मजबूत है फर्क नहीं पड़ता।...❤


❤...याद नहीं आई आज तुम्हें मेरी...

क्या महोब्बत में भी रविवार होता है... ...❤


❤...ये सोचकर हमने ख़ुद को बेरंग रखा है !

सुना है सादगी ही मोहब्बत की रूह होती है !!...❤


❤...जब रूह में उतर जाता है बेपनाह इश्क का समंदर,

लोग जिंदा तो होते है मगर किसी और के अंदर ...❤


❤...अजीब दस्तूर है, मोहब्बत का;

रूठ कोई जाता है, टूट कोई जाता है।...❤


❤...हाल तो पूछ लूँ तेरा पर डरता हूँ आवाज़ से तेरी;

ज़ब ज़ब सुनी है कमबख्त मोहब्बत ही हुई है।...❤


❤...कर रहा था गम-ए-जहान का हिसाब;

आज तुम याद बेहिसाब आये।...❤


❤...यूँ तो मशहूर हैं अधूरी मोहब्बत के किस्से बहुत से;

मुझे अपनी मोहब्बत पूरी करके नई कहानी लिखनी है!...❤


❤...दगा दे जाये उसे यार नहीं कहते,

ख़ुशी न दे उसे बहार नहीं कहते,

बस १ बार धड़कता है दिल किसीके लिए,

जो दुबारा हो उसे प्यार नहीं कहते !...❤


❤...तुमसे ऐसा भी क्या रिश्ता हे?दर्द कोई भी हो.. याद तेरी ही आती हे।...❤

Sunday, April 9, 2017

पहली ही नज़र में उनसे प्यार हो गया by Rony

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पहली ही नज़र में उनसे प्यार हो गया

उसके बाद तो फिर दिल का करार गया

उस एक लम्हे ने ऐसा असर किया

कि हर लम्हा जैसे खुद इन्तज़ार हो गया

अपने होकर भी अपने ना हो सके हम

वो अजनबी होकर भी राज़दार हो गया ।

by Rony Chahal

 

दिल की खिड़की से बाहर देखो ना कभी

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दिल की खिड़की से बाहर देखो ना कभी

बारिश की बूँदों सा है एहसास मेरा

घनी जुल्फों की गिरह खोलो ना कभी

बहती हवाओं सा है एहसास मेरा

छूकर देखो कभी तो मालूम होगा तुम्हें

सर्दियों की धूप सा है एहसास मेरा ।

by Rony Chahal

 

Friday, April 7, 2017

Wednesday, April 5, 2017

Tuesday, April 4, 2017

मोहब्बत में न जाने कैसी ये अनहोनी हो गयी by Jot Chahal

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मोहब्बत में न जाने कैसी ये अनहोनी हो गयी

पता ही नहीं चला कब किस से मोहब्बत हो गयी

 

उन्होंने मेरे करीब आकर मुझे सीने से लगाया

मौसम हसीं होते ही बिन मौसम बरसात हो गयी

 

मेरे लबों को छू के प्यार का एहसास जगाया

जब लिया बांहो में मेरी दिल की धड़कन तेज हो गयी

 

उनके चेहरे की रौनक, नज़ारे नशीली देख मन बहका

उनको एक ही नजर देखा तो ये दिल इबादत हो गयी

 

हाथ थाम कर आज तुजसे ये वादा करते हैं सनम

की ये साँसे ये ज़िंदगानी अब सिर्फ तेरे नाम हो गयी

by Jot Chahal