Sunday, September 21, 2014

जुबां खामोश, आँखों मे नमी होगी,

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जुबां खामोश, आँखों मे नमी होगी,
यही बस मेरी एक दस्तान-ऐ-जिन्दगी होगी,
भरने को तो हर जख्म भर जाऐगा..
कैसे भरेगी वो जगह जहा तेरी कमी होगी...
...

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