जिसने हमको चाहा, उसे हम चाह न सके, Posted on January 10, 2015 0 "जिसने हमको चाहा, उसे हम चाह न सके,जिसको चाहा उसे हम पा न सके,यह समजलो दिल टूटने का खेल है,किसी का तोडा और अपना बचा न सके!" Email ThisBlogThis!Share to XShare to Facebook
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