Saturday, January 10, 2015

जिसने हमको चाहा, उसे हम चाह न सके,

0

"जिसने हमको चाहा, उसे हम चाह न सके,
जिसको चाहा उसे हम पा न सके,
यह समजलो दिल टूटने का खेल है,
किसी का तोडा और अपना बचा न सके!"

0 comments:

Post a Comment