"मोहोब्बत की राहों पर आज हम साथ नही
कसमे जो खाई थी , उनमे कोई बात नही
गुजर गयी कायनात,दिल में ज़ज़्बात नही
इतनी तोहमते लगाई तूने,एक और इल्ज़ाम सही
तेरे चेहरे पर हुज़ूर , जुदाई का गम भी नही
वफा तू ना निभा सका तो क्या,बेवफा हम भी नही"
Saturday, January 10, 2015
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
0 comments:
Post a Comment