जहाँ याद न आये वो तन्हाई किस काम की, Posted on January 08, 2015 0 जहाँ याद न आये वो तन्हाई किस काम की, बिगड़े रिश्ते न बने तो खुदाई किस काम की, बेशक अपनी मंजिल तक जाना है, पर जहाँ से अपने न दिखें, वो उंचाई किस काम की !! Email ThisBlogThis!Share to XShare to Facebook
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