कोई गिला कोई शिकवा ना रह Posted on February 17, 2015 0 कोई गिला कोई शिकवा ना रहे आपसे;यह आरज़ू है कि सिलसिला रहे आपसे;बस इस बात की बड़ी उम्मीद है आपसे;खफा ना होना अगर हम खफा रहें आपसे। Email ThisBlogThis!Share to XShare to Facebook
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